परतावल। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का महिला अस्पताल एक बार फिर अपनी अव्यवस्था और जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण सवालों के घेरे में है। शनिवार देर रात एक गर्भवती महिला को नौ घंटे तक अस्पताल में रखने के बाद भी इलाज नहीं मिला।
उल्टे अचानक उसे बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर रेफर कर दिया गया। इस दौरान प्रसूता दर्द से छटपटाती रही। देर रात उसने एक बच्ची को जन्म दिया। ग्राम सभा धनहा नायक निवासी शिवकुमार निषाद की पत्नी नेहा शनिवार को दोपहर लगभग दो बजे प्रसव पीड़ा से कराहते हुए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परतावल के महिला अस्पताल पहुंची।
गर्भवती को अस्पताल में भर्ती तो कर लिया गया लेकिन जिम्मेदारों ने न तो उसकी देखभाल की और न ही उसका इलाज किया। नौ घंटे तक इंतजार कराने के बाद परिजन कर्मचारियों से गुहार लगाते रहे। रात लगभग 10:30 बजे गर्भवती महिला को बीआरडी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। प्रसूता सड़क पर ही दर्द से तड़पती रही लेकिन जिम्मेदारों का दिल नहीं पसीजा।
कर्मचारियों की लापरवाही और पीड़िता का दर्द देख जब परिजनों विरोध किया तो खून की कमी का हवाला देते हुए महिला को बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर रेफर कर दिया गया। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में आए दिन मरीजों के साथ दुर्व्यवहार और इलाज में लापरवाही की जाती है। अस्पताल के कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाते हैं। गंभीर मरीजों को या तो बाहर कर दिया जाता है या रेफर करने के नाम पर अपना पल्ला झाड़ लिया जाता है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में महिला ने देर रात एक बेटी को जन्म दिया।
अधीक्षक डाॅ. अनिल जायसवाल ने बताया कि शिकायत मिली है। मामले की जांच कराई जा रही है। दोषियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।