Chandra Grahan 2025 : साल का आखिरी चंद्र ग्रहण आज, 122 साल बाद पितृपक्ष की शुरुआत के साथ दुर्लभ संयोग
07 Sep 2025 12:46:37
Chandra Grahan 2025 : आज साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लगने वाला है, जो कि भारत में भी दिखाई देगा। साथ ही, आज से पितृ पक्ष की भी शुरुआत हो चुकी है यह बहुत ही दुर्लभ संयोग माना जा रहा है।
यूं तो पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण और अमावस्या पर सूर्यग्रहण होता है, लेकिन 122 वर्ष बाद पितरों का स्मृति पर्व पितृपक्ष का शुभारंभ चंद्र ग्रहण पर होगा। हालांकि, 21 सितंबर को दिखने वाला सूर्यग्रहण भारत में दृश्यमान नहीं होगा। आज का चंद्र ग्रहण आज रात 9 बजकर 58 मिनट से शुरू होकर 8 सितंबर की अर्धरात्रि 1 बजकर 26 मिनट पर होगा। यह चंद्र ग्रहण कुंभ राशि और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में लगने जा रहा है।
भारतीय समयानुसार, चंद्र ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है। इसलिए, इसका सूतक काल 7 सितंबर यानी आज दोपहर 12 बजकर 57 मिनट से शुरू हो जाएगा।
ज्योतिषियों के अनुसार, चंद्र ग्रहण शुरू होने से पहले का समय सूतक काल कहलाता है और उस दौरान कुछ कार्य करना भी वर्जित माना जाता है। तो चलिए जानते हैं कि सूतक काल शुरू होने से पहले कौन से काम कर लेने चाहिए।
तुलसी का प्रयोग ग्रहण के समय तुलसी का इस्तेमाल सबसे अच्छा माना जाता है। इसलिए, सूतक काल लगने से पहले खाने-पीने की चीजों में तुलसी की पत्तियां डाल दें। लेकिन, तुलसी के पत्ते सूतक काल शुरू होने से पहले ही तोड़ लें क्योंकि सूतक काल के दौरान तुलसी तोड़ना वर्जित माना जाता है। मान्यता है कि इससे ग्रहण दोष नहीं लगता है।
पितरों का तर्पण 7 सितंबर यानी कल से पितृ पक्ष की भी शुरुआत हो रही है। इसलिए, कल चंद्र ग्रहण का सूतक काल शुरू होने से पहले ही पितरों का पिंडदान और तर्पण निपटा दें।
मंदिर के कपाट इसके अलावा, चंद्र ग्रहण का सूतक काल के शुरू होने से मंदिर के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं। कहा जाता है कि ग्रहण के दौरान भगवान की मूर्तियों को छूना नहीं चाहिए। ना ही किसी देवी-देवताओं की उपासना करनी चाहिए।
दैनिक काम निपटा लें साथ ही, कल विशेष यात्रा और पैसों का लेन देन जैसे महत्वपूर्ण काम सूतक काल शुरू होने से पहले ही निपटा लें।
स्नान-दान पितृ पक्ष के अलावा कल भाद्रपद पूर्णिमा भी है इसलिए कल चंद्र ग्रहण का सूतक काल शूरू होने से पहले ही स्नान और दान विशेष अनुष्ठान भी निपटा लें।