तमाम उतार-चढ़ावों के बाद मिली है मासूम रज़ा को सजा

महराजगंज। आखिरकार मासूम रज़ा को सजा मिल ही गई। शहर में राही मासूम रजा के कारनामे की चर्चा हो रही है। हमेशा सुर्खियों में बने रहने के लिए वह सत्ता पक्ष में जगह पाने की हर युक्ति अपनाता। इसमें वह सफल भी था। अपने घर में ही किराये पर रहने वाली किशोरी के साथ दुष्कर्म किया। यह मामला 28 अगस्त 2023 को सामने आया था। अब 10 मार्च 2025 को उसे सजा मिली। करीब एक साल सात माह के बीच केस में तमाम-उतार चढ़ाव आए।

मामले में शुरुआती दौर की बात करें तो पुलिस ने हल्के में लिया था। क्योंकि राही मासूम रजा की पुलिस वालों से काफी बनती थी। उसने अपने घर में ही एक पुलिस आबिद अली को किराए पर कमरा दिया था। उसने ही राही मासूम की करतूतों पर परदा डालने की कोशिश की थी। मामला सामने आने के बाद किशोरी कोतवाली पहुंची तो उसे नियम कानून का पाठ पढ़ा कर लौटा दिया गया। इसके बाद उसके पिता की मौत हो गई। किशोरी के पिता की मौत के बाद भी मामले में शांति भंग की कार्रवाई हुई थी, लेकिन पीड़िता का दर्द आम जनमानस के सामने आया तो उच्चाधिकारी प्रकरण में गंभीर हुए। राही मासूम को कोतवाली में पूछताछ के लिए बुलाया गया था। बाद में उसे छोड़ दिया गया था। यहीं से पुलिस की किरकिरी शुरू हो गई थी।

उसे गिरफ्तार करने के लिए उसके करीबियों पर पुलिस ने शिकंजा कसा तो उसकी अकड़ ढीली हो गई। करीब दर्जन भर थाने की पुलिस उसके पीछे लगी थी। पुलिस ने जाल बिछाया तो 11 सितंबर 2023 को किसी तरह से गिरफ्तार हुआ था। जेल जाने के बाद वह हाईकोर्ट की शरण में पहुंचा। इसके बाद वहां जमानत लेकर बाहर आया तो मामले को रफा-दफा करने के लिए जुगाड़ लगाने लगा। पीड़िता के मुताबिक उसने अगल-अलग माध्यम से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उसकी एक न चली। पीड़िता ने बताया कि जब उसे जमानत मिल गई थी तो डर लग रहा था की कहीं गड़बड़ी न करा दें, लेकिन न्यायपालिका पर पूरा भरोसा था, इस वजह से धैर्य रखा। अब तो उसके करतूत की सजा मिल गई, उसकी मदद करने वाले भी सजा काटंगे। दोषी भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के पूर्व जिलाध्यक्ष था, इस वजह से उसकी पकड़ नेताओं से थी। मामले में जब वह पूरी तरह से फंस गया तो उसके करीबियों ने किनारा कस लिया था। उसकी तस्वीर सत्ता पक्ष के कई नेताओं के साथ सोशल मीडिया पर है।