महराजगंज। एआरटीओ विभाग की सख्ती के चलते अब फिटनेस फेल रोडवेज बसों को सड़कों पर नहीं चलने दिया जाएगा। महराजगंज डिपो में मौजूद 63 बसों में से कई अपनी उम्र पूरी कर चुकी हैं, लेकिन अब तक मरम्मत कराकर इन्हें जबरन चलाया जा रहा था। एआरटीओ विभाग की जांच शुरू होते ही परिवहन विभाग ने जर्जर बसों को नीलामी के लिए भेजने की तैयारी तेज कर दी है।
मार्च महीने में महराजगंज डिपो ने इन बसों की नीलामी के लिए परिवहन मुख्यालय को प्रस्ताव भेज दिया है। उम्मीद की जा रही है कि वर्ष 2025 में कुछ नई बसें मिलेंगी, जिसके बाद अन्य जर्जर बसों को भी हटाया जाएगा।
तकनीकी दिक्कतों से जूझ रहे चालक
रोडवेज के एक कर्मचारी के अनुसार, कई बसें पूरी तरह जर्जर हो चुकी हैं, जिससे चालक आए दिन तकनीकी दिक्कतों से परेशान रहते हैं।
बस संचालन के मानक
परिवहन नियमों के मुताबिक, एक नई बस को अधिकतम नौ वर्ष या दस लाख किलोमीटर तक सड़कों पर चलाया जा सकता है। मरम्मत के बाद कुछ समय तक इनका उपयोग किया जा सकता है, लेकिन महराजगंज डिपो में कई बसें नीलामी योग्य होने के बावजूद अभी भी चलाई जा रही हैं।मुख्यालय को प्रस्ताव भेजा जा चुका है, और उम्मीद है कि जल्द ही पुरानी बसों की नीलामी के बाद नई बसें महराजगंज डिपो को मिलेंगी।