नामांकन संकट : आधार कार्ड न होने से स्कूलों में बच्चों का भविष्य अधर में

लक्ष्मीपुर। नया शैक्षणिक सत्र शुरू होते ही परिषदीय विद्यालयों में नामांकन की प्रक्रिया धीमी पड़ गई है। कारण – छात्रों के पास आधार कार्ड का न होना। शासन स्तर से बिना जन्म प्रमाण पत्र के आधार बनाने पर रोक लगा दी गई है, जिससे बड़ी संख्या में बच्चों का नामांकन अधर में लटक गया है।

स्कूलों में शिक्षक ऐसे बच्चों को अस्थायी तौर पर बैठने की अनुमति दे रहे हैं, जिनके अभिभावक 15 दिनों के भीतर आधार कार्ड बनवाने का आश्वासन दे रहे हैं। लेकिन जब तक आधार नहीं बनता, तब तक उनके दाखिले की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही।

स्थिति और गंभीर इस वजह से हो गई है कि लक्ष्मीपुर ब्लॉक में पिछले दो वर्षों से बीआरसी का आधार नामांकन केंद्र भी बंद पड़ा है। इससे न केवल बच्चों का भविष्य प्रभावित हो रहा है, बल्कि शिक्षक और अभिभावक दोनों ही तनाव में हैं।

प्राथमिक शिक्षक संघ लक्ष्मीपुर के ब्लॉक महामंत्री हरिश्चंद्र चौधरी ने कहा कि आधार कार्ड की अनिवार्यता ने नामांकन को कठिन बना दिया है। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि ब्लॉक स्तर पर आधार मशीनें दोबारा सक्रिय की जाएं और जन्म प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया को आसान किया जाए।

खंड शिक्षा अधिकारी लक्ष्मीपुर, पिंगल प्रसाद राणा ने बताया कि उन्होंने शिक्षकों के सहयोग से जन्म प्रमाण पत्र के लिए पत्रावली ब्लॉक कार्यालय पर जमा कराई है और जल्द ही आधार नामांकन की ब्लॉक आईडी फिर से शुरू होगी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जल्द ही शिक्षकों और अभिभावकों की समस्याओं का समाधान होगा।

लक्ष्मीपुर ब्लॉक में बेसिक शिक्षा परिषद के तहत 286 विद्यालय संचालित हैं, जिनमें प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, मान्यता प्राप्त स्कूल और मदरसे शामिल हैं। हर साल इन संस्थानों में हजारों बच्चों का नामांकन होता है, लेकिन इस बार आधार कार्ड की बाध्यता ने शिक्षा व्यवस्था को गंभीर संकट में डाल दिया है।