महराजगंज। भारत-नेपाल सीमा पर कपड़ों की तस्करी लगातार जारी है। बीते दो महीनों में आठ से अधिक बार कपड़ों की खेप बरामद की गई, लेकिन तस्कर हर बार बच निकलते हैं। नेपाल में लेडीज सूट की अधिक मांग होने के कारण तस्कर इस धंधे को बड़े नेटवर्क के जरिए संचालित कर रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक, तस्करी का एक संगठित सिंडिकेट सक्रिय है, जो कैरियरों के माध्यम से कपड़े सरहद पार भेजता है। दिल्ली और जयपुर से आने वाली रोडवेज बसों में बंडल बुक कराए जाते हैं और मौका मिलते ही इन्हें नेपाल पहुंचा दिया जाता है। तस्कर जांच से बचने के लिए जरूरी दस्तावेज भी तैयार कर लेते हैं।
अप्रैल में हुई कार्रवाई में परसा मलिक थाना क्षेत्र के झिंगटी टोला मुजहना के पास पिकअप से 19 कट्ठर कपड़ा बरामद किया गया, लेकिन चालक वैध कागजात नहीं दिखा सका। ऐसे मामलों में अकसर खेप तो बरामद हो जाती है, लेकिन सरगना पकड़ से बाहर रहते हैं। पुलिस का कहना है कि सीमाई इलाकों में सख्ती बढ़ाई गई है और तस्करों के नेटवर्क को तोड़ने के प्रयास जारी हैं।