महराजगंज। फरवरी महीने में दिन में कड़ी धूप होने से ठंड से लोगों को राहत मिल गई है। पर दिन के तापमान में वृद्धि से किसानों के होश उड़ गए हैं। कृषि वैज्ञानिकों ने खेतों में नमी बरकरार रखने को गेहूं की खेती में तीसरी सिंचाई करने का सुझाव दिया है। खेतों की मिट्टी टाइप होने के बाद अधिकतर किसान फसलों की स्थिति देख तीसरी सिंचाई में जुटे हुए हैं। महराजगंज के किसानों ने इस बार 1.45 लाख हेक्टेयर में गेहूं की खेती की है। अधिकतर किसानों ने गेहूं की दूसरी सिंचाई को पूरा कर लिया है। इसके बाद खेतों में यूरिया भी डाल दिया है। खेतों में यूरिया पड़ते ही अधिकतर किसानों की गेहूं की फसल रेड़ा अवस्था में पहुंच गई। कुछ किसानों की गेहूं की फसल पूरी तरह से फूट भी गई है। पर कड़ी धूप के बीच पछुआ हवाओं ने किसानों को चिंता में डाल दिया है।
इस समय फरवरी महीने में सामान्य तौर पर हर दिन 26 से लेकर 28 डिग्री से. अधिकतम तापमान रह रहा है। इस तरह के तापमान में गेहूं की खेती को नुकसान पहुंचने की आशंका बन गई है। ऐसे में किसान चितिंत हैं। घुघली क्षेत्र के प्रगतिशील किसान विजय कुमार मिश्रा, सियाराम दास, अजीत सिंह, आदि ने बताया कि इस तरह का मौसम होली के बाद होना चाहिए था। तापमान में इसी तरह से बृद्धि होगा तो गेहूं की उत्पादकता पर ज्यादा असर पड़ेगा।
फरवरी महीने में दिन में कड़ी धूप होने से कृषि वैज्ञानिक भी चितिंत हैं। कृषि विज्ञान केन्द्र बसुली के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. शिवपूजन यादव ने बताया कि रबी फसलों के लिए निरन्तर तापमानों में बृद्धि ठीक नहीं है। दिन में 28 डिग्री से. तापमान गेहूं की खेती के लिए ठीक नहीं है। गेहूं की खेती के लिए दिन में 23 डिग्री तापमान अनुकूल रहता है। पर तीन से पांच डिग्री अधिक तापमान उत्पादन पर असर डाल सकता है। इसी प्रकार कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. धीरेंद्र प्रताप सिंह, डॉ. विजय चंद्रा, त्रिवेणी तिवारी ने बताया कि इस तरह के मौसम में किसान अपनी गेहूं की खेती में पर्याप्त नमी बनाएं रखें।