महराजगंज। काफी पुरानी हो चुकी संयुक्त जिला अस्पताल की बिल्डिंग में निर्माण के समय सेंट्रल पानी पाइप लाइन की व्यवस्था नहीं हो सकी थी। यही वजह है कि आज भी जिला अस्पताल की फायर फाइटिंग एबीसी भरे सिलेंडरों के भरोसे ही है। इसके लिए समय-समय पर कर्मचारियों को सिलेंडर चलाने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। वार्डों में इमरजेंसी खिड़कियां हैं और हर वार्ड में बिजली कट करने की व्यवस्था बनाई गई है। हालांकि जिला अस्पताल में बिजली केबिल के मकड़जाल जगह-जगह दिख जाते हैं।
मरीजों से पटे रहने वाले 100 बेड के जिला अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग में बिजली केबिल के मकड़जाल डराते हैं तो आग बुझाने के लिए सिर्फ मैनुअल व्यवस्था ही है। आग लगने की स्थिति में कर्मचारियों को सिलेंडर लेकर दौड़ना ही पड़ेगा। इसके लिए फायर सर्विस विभाग पिछले दिनों जिला अस्पताल पहुंचकर एसएनसीयू वार्ड और डॉक्टरों व वार्डों में लगे अग्निशमन यंत्र को चलवाकर प्रशिक्षित किया।
जिला अस्पताल में 32 बेड का एसएनसीयू वार्ड है। यह वार्ड हमेशा नवजातों से ओवरलोड रहता है। इस वार्ड में भी फायर फाइटिंग के लिए एबीसी भरे सिलेंडर जगह-जगह लगाए गए हैं। वार्ड के कर्मचारियों को इसको चलाने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है।
जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. एपी भार्गव कहते हैं कि पुरानी बिल्डिंग होने के कारण सेंट्रल पानी पाइप लाइन की व्यवस्था जिला अस्पताल में नहीं है। अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में अग्निशमन यंत्र हैं और स्टाफ चलाने को प्रशिक्षित भी है। शासन ने जिला महिला अस्पताल की तरह जिला अस्पताल में सेंट्रल पानी पाइन लाइन लगाकर उसे पंप से जोड़ने का आदेश दिया है।
आग की स्थिति में नियंत्रण के लिए हर वार्ड के सामने कार्बन डाई आक्साइड व एबीसी से भरे सिलेंडर टंगे हैं। लेकिन सेंट्रल पानी पाइन लाइन न होने से सिलेंडरों को लेकर दौड़ना ही पड़ेगा। लेकिन सभी वार्डों में इमरजेंसी खिड़की है, जिससे विशेष परिस्थिति में भर्ती मरीजों को बाहर निकाला जा सकता है। न्यू सिक बार्न केयर यूनिट में एक इमरजेंसी खिड़की है। इस वार्ड में दूसरी खिड़की की व्यवस्था हो रही है। वहीं, वार्डवार बिजली कट करने की व्यवस्था है ताकि जरूरत पड़ने पर संबंधित वार्ड की बिजली काटी जा सके।
जिला अस्पताल परिसर की सभी नई बिल्डिंग में हाईटेक फायर फाइटिंग की व्यवस्था है। जिला महिला अस्पताल, ट्रामा सेंटर, डायलसिस सेंटर व ब्लड बैंक में सेंट्रल पानी पाइप लाइन और अलार्म सहित पर्याप्त मात्रा में स्प्रिंकलर लगे हैं। पाइप लाइन को पंप मशीन से जोड़ा गया है। इन नई बिल्डिंग के वार्डों में लगे स्प्रिंगर गरम होते ही आटोमेटिक टूट जाएंगे और तेज बारिश की तरह पानी निकलेगा। यह आग से बचाव की हाईटेक व्यवस्था है।
पुरानी बिल्डिंग में सेंट्रल पानी पाइप लाइन और पम्प लगाने की योजना है। इसके लिए बजट भी जारी हो गया है। बहुत जल्द महिला अस्पताल की तरह जिला अस्पताल में हाईटेक फायर फाइटिंग की व्यवस्था हो जाएगी।