अगर दिल में है दर्द तो यहाँ नहीं हो पायेगा इलाज

महराजगंज। आजकल ह्रदय रोग और कार्डियक अरेस्ट के मामले में काफी इजाफा हुआ है लेकिन दुर्भाग्य यह है की इसका जिले में इलाज ही नहीं है। दिल के दर्द या फिर कार्डियक अटैक के मामले में जिला अस्पताल से लेकर सभी स्वास्थ्य केन्द्र में मरीजों को रेफर करना मजबूरी बनी हुई है। जिले के 191 हेल्थ वेलनेस सेंटर पर हुई स्क्रीनिंग में 586 मरीज हृदय रोग से ग्रसित पाए गए, लेकिन उनके इलाज के लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों की भारी कमी है।

जनपद में संयुक्त जिला चिकित्सालय, जिला महिला अस्पताल, 18 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और 40 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के जरिए शहर से लेकर गांव तक चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने की व्यवस्था है। इसमें से जिला अस्पताल के अलावा चार सीएचसी परतावल, निचलौल, फरेंदा व लक्ष्मीपुर एफआरयू सेंटर हैं। जहां जटिल व गंभीर बीमारियों के लिए विशेषज्ञ चिकित्सक व आधुनिक चिकित्सा इंतजाम का दावा है, लेकिन जिले में एक भी कार्डियोलॉजिस्ट उपलब्ध नहीं है। इस कारण हृदय रोग से पीड़ित मरीजों को आवश्यक चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पा रही है। ईसीजी और सीटी स्कैन जैसी जांच में हार्ट अटैक की पुष्टि होने पर मरीजों को तुरंत बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर रेफर करना पड़ता है। जिससे कई मरीजों की जान जोखिम में पड़ जाती है।

जिले में हृदय रोग विशेषज्ञों की तैनाती जरूरी है ताकि मरीजों को समय पर इलाज मिल सके। एमडी मेडिसीन की डिग्री वाले चिकित्सक ही सामान्य हृदय रोगियों का उपचार काफी हद तक कर रहे हैं, लेकिन एंजियोग्राफी एंजियोप्लास्टी जैसे माइनर सर्जरी या उपचार के लिए लिए महानगरों के बड़े अस्पतालों की ओर रूख करना जिले के हृदयरोगियों के लिए मजबूरी बनी हुई है।