सोनौली। सीमावर्ती इलाके में बगैर परमिट वाली बसों की भरमार है। बीते दिन शिकायत पर एक बस सीज की गई थी। बगैर परमिट के बसों का संचालन कर राजस्व को चूना लगाया जा रहा है।
करीब 15 से 20 ऐसी बसें हैं, जो धड़ल्ले से चल रही हैं। सोनौली सीमा के पास रोजाना दर्जनों बसें बिना परमिट एवं फिटनेस के गोरखपुर, लखनऊ, दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद के लिए सवारियां भरकर आती-जाती हैं। इसके कारण विभाग को हर माह लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है।
शिकायत के बाद उच्चाधिकारियों ने पुलिस प्रशासन और आरटीओ की एक संयुक्त टीम ने दो दिन पहले आधी रात को सवारियां लेकर दिल्ली जा रही बस को पकड़कर सीज कर दिया था, लेकिन भारत नेपाल सीमा रात 10 बजे सील हो जाती है। बस कहां से आई और यात्रियों को कहां रोका गया था इस कि जानकारी टीम लगा रही है।
सूत्रों की मानें तो सोनौली के पार्किंग में ऐसे वाहनों का जमावड़ा रहता है। बसें गोरखपुर, लखनऊ, दिल्ली, मुंबई और हैदराबाद से लेकर दूर के प्रांतों में सवारियां लेकर जाती हैं। इनके पास न तो वैध परमिट होती है न ही फिटनेस। इनमें कई के पास टूरिस्ट के लिए जारी परमिट होती है। सीमावर्ती इलाकों में टूरिस्ट परमिट की आड़ में बसें सवारी ले जा रहीं हैं।
इस पर कार्रवाई भी हो चुकी है लेकिन अंकुश नहीं लग पा रहा है। बसें काठमांडो वाया सोनौली से दिल्ली जाने वाली पर्यटक बसें हैं। टूरिस्ट परमिट की आड़ में यह बसें धड़ल्ले से संचालित हो रही हैं। भारत-नेपाल मैत्री बस सेवा के नाम पर परिवहन विभाग को चूना लगाया जा रहा है।
परमिट समाप्त होने के बाद झांसा देने के लिए बस पर भारत-नेपाल मैत्री बस सेवा लिखवा दिया जाता है। इससे पर्यटक झांसे में आ जाते हैं, जबकि ये बसें अधिकृत नहीं होती हैं। इनमें कहीं से भी किसी यात्री को बैठा लिया जाता है। उसकी सूची नहीं होती है।