वक्फ संपत्तियों की अवैध बिक्री, मुतवल्लियों की भूमिका पर उठे सवाल

महराजगंज। जिले में वक्फ संपत्तियों की अवैध बिक्री और कब्जे के मामले सामने आए हैं, जिनमें मुतवल्लियों (प्रबंधकों) की भूमिका संदेह के घेरे में है। जिले में वक्फ की 444 संपत्तियां दर्ज हैं, जिनमें से सदर तहसील के खुटहां-मुड़िला क्षेत्र में लगभग 300 एकड़ भूमि वक्फ को दान में मिली थी, जिसमें 20 एकड़ के दो आम के बगीचे भी शामिल थे। सूत्रों के अनुसार, इन संपत्तियों में से नौ एकड़ भूमि से मिट्टी खनन कर बेची जा रही है, जबकि पांच एकड़ भूमि को प्लॉटिंग कर बेचा जा रहा है। पिछले 30 वर्षों में, 150 से अधिक लोगों ने इन संपत्तियों को खरीदा है, जिनमें से 80 से अधिक ने पक्के निर्माण कर अपने कब्जे को मजबूत किया है।

स्थानीय निवासियों का कहना है कि मुतवल्लियों और उनके सहयोगियों ने इन संपत्तियों को बाजार मूल्य से कम दरों पर बेचा है, जिससे लोगों में वक्फ की जमीन खरीदने का साहस बढ़ा है। जो लोग इस गड़बड़ी के खिलाफ आवाज उठाने की कोशिश करते हैं, उन्हें भी एक या दो बीघा जमीन देकर शांत कर दिया गया। अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष के निर्देश के बावजूद, मुतवल्लियों और जमीन खरीदने वालों के खिलाफ कोई धोखाधड़ी का मामला दर्ज नहीं किया गया है, हालांकि पत्राचार जारी है।

अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी नीरज अग्रवाल ने बताया कि नए निर्देशों के आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।