महराजगंज। अप्रैल महीने में ही जून जैसी झुलसाती गर्मी ने महराजगंज जिले के लोगों को बेहाल कर दिया है। अधिकतम तापमान 42 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। चिलचिलाती धूप और बढ़ती उमस के कारण सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है और दोपहर के वक्त लोग घरों में दुबकने को मजबूर हैं।
पिछले पंद्रह दिनों से लोग गर्मी और उमस से जूझ रहे हैं। नगर की सक्सेना चौक, कॉलेज रोड, पडरी रोड, कतरारी, परतावल, श्यामदेउरवा, और भिटौली निचलौल क्षेत्रों में दोपहर के समय दुकानें और बाजार सुने नजर आ रहे हैं। पछुआ हवा के कारण लू की स्थिति बन गई है, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
गर्मी का सीधा असर स्वास्थ्य सेवाओं पर भी पड़ रहा है। जिला अस्पताल में बुखार, डायरिया और डिहाइड्रेशन से पीड़ित मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। सुबह से ही पर्ची काउंटर पर लोगों की कतारें देखी जा रही हैं। गंभीर मरीजों को भर्ती कर इलाज किया जा रहा है जबकि हल्के लक्षण वाले मरीजों को दवा देकर घर भेजा जा रहा है।
वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. ए.बी. त्रिपाठी ने बताया कि गर्मी में डिहाइड्रेशन, हीट स्ट्रोक और अन्य बीमारियों का खतरा तेजी से बढ़ता है। शरीर में पानी की कमी, थकावट, चक्कर आना, उल्टी, सिरदर्द और मांसपेशियों में ऐंठन इसके आम लक्षण हैं।
डॉक्टरों ने लोगों को सलाह दी है कि बिना जरूरी काम के धूप में निकलने से बचें। ठंडे और तरल पदार्थों का अधिक सेवन करें। धूप में निकलते समय छाता, गमछा या कैप का प्रयोग करें और संतुलित आहार लें।