महराजगंज। जिले में किडनी के मरीज तेजी से बढ़े हैं। हालत यह हो गई है कि हर माह किडनी मरीजों में इजाफा हो रहा है। जनवरी में 1037 पीड़ितों ने डायलसिस कराई है। औसतन हर रोज 35 किडनी पीड़ित डायलसिस करा रहे हैं।
जिला अस्पताल में 13 बेड का डायलसिस सेंटर संचालित है। सेंटर में एक साथ 13 किडनी मरीजों की डायलसिस की जा सकती है। नि:शुल्क डायलसिस की सुविधा होने से हर रोज मरीजों की भीड़ हो रही हैं। 21 जनवरी से 20 फरवरी तक 1037 पीड़ितों ने डायलसिस कराया है। ऐसे में हर रोज 35 किडनी पीड़ित डायलसिस करा रहे हैं। इसके पहले अधिकत एक हजार पीड़ित डायलसिस करा रहे थे। किडनी मरीजों में इजाफा देख अस्पताल प्रशासन हरकत में आ गया है। ओपीडी में पहुंचने वाले मरीजों को किडनी बीमारी से बचने के लिए जागरूक करने की करने की सलाह दी है।
किडनी मरीजों में इजाफा देख कई प्राइवेट हास्पिटल में डायलसिस की सुविधा उपलब्ध हो गई है। लेकिन एक बार डायलसिस कराने के लिए पीड़ित को 2500 रुपये शुल्क देने पड़ते है। डायलसिस सेंटर प्रभारी डॉ. रंजन कुमार सिंह का कहना है कि किडनी पीड़ित को सप्ताह में दो बार डायलसिस करानी पड़ती है। नि:शुल्क डायलसिस की सुविधा से मरीजों को काफी राहत मिल रही है।
डायलसिस सेंटर नोडल अधिकारी डॉ. रंजन कुमार सिंह ने बताया कि उल्टी/मतली होना, बार-बार पेशाब महसूस होना, पेशाब में खून या मवाद आना, बुखार, पीठ-बाजू या कमर में दर्द, कंपकपी, पेशाब में जलन, बदबूदार पेशाब होना और भूख न लगना किडनी इंफेक्शन का प्रारंभिक लक्षण हैं।
सेंटर पर पहुंचने वाले सभी किडनी पीड़ितों को उसी दिन डायलसिस कराना प्राथमिकता है। किडनी पीड़ितों में इजाफा देख तीन शिफ्ट में डायलसिस शुरू कर दी गई है। जरूरत पड़ने पर चार शिफ्ट में डायलसिस की सुविधा दी जाएगी। ओपीडी में पहुंचने वाले मरीजों को किडनी बीमारी से बचाने के लिए डॉक्टरों को उन्हें जागरूक करने की सलाह दी गई है।