माँ ने लड़ी आग से जंग, लेकिन बचा नहीं पाई अपनी बेटी को

महराजगंज। सिसवा नगर पालिका परिषद के लोहिया नगर वार्ड में खाना बनाने के दौरान एक झोपड़ी में आग लग गई। झोपड़ी में खेल रही ढाई साल की मासूम सृष्टि आग की लपटों से घिरकर चीखने चिल्लाने लगी।

बेटी की चीख सुन मां अंगिरा उसे बचाने के लिए खुद की जान की परवाह न करते हुए आग लपटों के बीच घुसकर बेटी से लिपट गई। अंगिरा बेटी सृष्टि को आग की भयावह लपटों से बचाने में जंग हार गई। क्योंकि अस्पताल ले जाते समय बेटी सृष्टि ने दम तोड़ दिया। वहीं मासूम बेटी को आग से बचाने के प्रयास में जिंदगी और मौत के बीच अस्पताल में जंग लड़ रही मां के हौसले को हर कोई चर्चा करते हुए ढांढस बंधा रहा है।

बताया जा रहा की अंगिरा के पति मनीष शर्मा की तीन बेटियां बुलबुल (7) सोना (5) और सृष्टि ढाई वर्ष की थी, जबकि सबसे छोटा एक बेटा था, जिसकी करीब चार माह पहले ढाई महीने की उम्र में गंभीर बीमारी से मौत हो गई। अंगिरा के पति मनीष ईंट-भठ्ठे पर ट्रैक्टर चालक का कार्य करते हैं। अंगिरा भी मासूम बच्चों को साथ लेकर मजदूरी करती है। परिवार की आर्थिक हालत दयनीय होने के बाद भी वह लोग काफी खुश थे, लेकिन ईश्वर को शायद यह खुशी मंजूर नहीं थी।

चार माह पहले परिवार का इकलौता बेटा महज ढाई महीने की उम्र में ही उन लोगों का साथ छोड़ दिया। अभी वह लोग बेटे की मौत से उभर भी नहीं पाए थे कि आग ने इस परिवार पर एक और गहरा जख्म दे दिया। आग की भयावह लपटों ने भी झोपडी के आशियाने को जलाकर राख कर दिया। ऐसा लग रहा है कि आर्थिक हालत से जूझ रहे इस परिवार पर विपत्ति का पहाड़ टूट गया है।