महराजगंज। फरेंदा क्षेत्र में वर्ष 2016 में हुए एक चर्चित हत्या के मामले में जिला अदालत ने सख्त रुख अपनाते हुए पति राजकिशोर को उम्रकैद की सजा सुनाई है, जबकि उसकी पत्नी विभा को तीन साल की कैद और जुर्माने की सजा दी गई है। विशेष न्यायाधीश पॉक्सो कोर्ट विनय कुमार सिंह की अदालत ने यह फैसला सुनाया।
यह मामला 24 जुलाई 2016 का है, जब चेहरी टोला, दुधई निवासी रामजी यादव की हत्या कर दी गई थी। अभियोजन पक्ष के अनुसार, मृतक रामजी यादव इलाके में चल रहे अवैध बालू खनन और जंगल से लकड़ी कटान का विरोध करते थे। इस कारण वह कुछ प्रभावशाली लोगों की आंखों की किरकिरी बन गए थे। पुलिस जांच में यह सामने आया कि रामजी की हत्या पूर्व नियोजित साजिश के तहत की गई थी।
हत्या के मुख्य आरोपी राजकिशोर को अदालत ने दोषी मानते हुए आजीवन कारावास (उम्रकैद) की सजा सुनाई, साथ ही 12,000 रुपये का अर्थदंड भी लगाया। वहीं उसकी पत्नी विभा को इस साजिश में सहयोग देने के आरोप में तीन साल की कैद और 2,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया।
सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से मजबूत सबूत और गवाह पेश किए गए, जिसमें यह सिद्ध हुआ कि आरोपी राजकिशोर और उसकी पत्नी ने मिलकर इस हत्या की योजना बनाई और उसे अंजाम दिया। कोर्ट ने सभी तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए दोनों को दोषी ठहराया।
फैसले के बाद मृतक के परिजनों ने अदालत का आभार जताया और कहा कि उन्हें अब जाकर न्याय मिला है। परिजनों ने उम्मीद जताई कि ऐसे फैसले समाज में अपराधियों के लिए एक कड़ा संदेश साबित होंगे।