महराजगंज। ग्रामीण महिलाएं अब सिर्फ चूल्हा-चौका तक सीमित नहीं हैं। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन महज 14 वर्षों में अपने उद्देश्य में सफलता की सीढ़ी चढ़ने में ग्रामीण महिलाओं के आत्मनिर्भरता का मार्ग प्रशस्त कर रहा है। जिन्हें कभी सिर्फ घर गृहस्थी तक सीमित समझा जाता था, अब वह गांवों की सोलर लाइटों की देखरेख से लेकर मरम्मत की जिम्मेदारी उठाएंगी।
केंद्र सरकार ने इसे 2011 में प्रभावी कर हर ग्राम पंचायत में महिलाओं के समूह का न सिर्फ गठन कराया। बल्कि इनके हाथों में दायित्व सौंपकर इन्हें आय अर्जित करने का मौका भी दिया। अब ग्राम पंचायतों में सौर ऊर्जा से संचालित होने वाली स्ट्रीट लाइट की देखरेख से लेकर मरम्मत का दायित्व आजीविका समूहों को सौंपने की तैयारी शुरू हो गई है। नेडा और एनआरएलएम के संयुक्त प्रयास से प्रत्येक ग्राम पंचायत में समूह चयन की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है।
ग्राम पंचायत को रोशन बनाए रखने में अब समूह की महिलाओं का सहयोग लिया जाएगा। गांवों में लगी सोलर स्ट्रीट लाइटों की देखरेख व मरम्मत महिलाओं के हाथ में होगी। इसके लिए उन्हें स्ट्रीट लाइट या संयंत्र लागत की दो फीसदी धनराशि पांच साल तक दी जाएगी। आजीविका मिशन के तहत गठित समूह की महिलाओं के उत्थान एवं स्वरोजगार की दिशा में यह मील का पत्थर साबित हो सकता है।