महाराजगंज। कभी जिन औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) में युवाओं को छेनी और हथौड़ा चलाने की ट्रेनिंग दी जाती थी, अब वहां छात्र उन्नत तकनीकों से लैस होकर ड्रोन उड़ाना और बनाना भी सीखेंगे। बदलते समय के साथ आईटीआई संस्थानों में आधुनिक तकनीक को शामिल किया जा रहा है, जिससे छात्रों को नवीनतम रोजगार के अवसर मिल सकें। महाराजगंज जिले के फरेंदा ब्लाक के पिपरामौनी ग्राम में स्थित राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) जिसमे ड्रोन पायलट और ड्रोन टेक्निशियन कोर्स की शुरुआत की गई है। इस कोर्स में छात्रों को ड्रोन निर्माण, मरम्मत और संचालन की विस्तृत ट्रेनिंग दी जा रही है।
आईटीआई के प्रिंसिपल विनय कुमार गुप्ता ने कहा, “हमारा लक्ष्य छात्रों को आधुनिक तकनीकी शिक्षा देकर उन्हें भविष्य के लिए तैयार करना है। ड्रोन टेक्नोलॉजी तेजी से उभरता हुआ क्षेत्र है, और इसमें रोजगार की असीम संभावनाएं हैं। आईटीआई में इस नए कोर्स को जोड़कर हम छात्रों को बेहतर करियर विकल्प उपलब्ध करा रहे हैं।”
सरकार की इस पहल से युवाओं को रोजगारपरक प्रशिक्षण मिलेगा और वे भविष्य में विभिन्न क्षेत्रों में अपनी अलग पहचान बना सकेंगे।
ड्रोन टेक्नोलॉजी में बढ़ते करियर अवसर
ड्रोन टेक्नोलॉजी का उपयोग अब केवल रक्षा और निगरानी तक सीमित नहीं है, बल्कि यह कृषि, सुरक्षा, यातायात, लॉजिस्टिक्स और मनोरंजन जैसे कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
• कृषि क्षेत्र में ड्रोन का उपयोग फसलों की निगरानी, कीटनाशकों के छिड़काव और भूमि रिकॉर्ड प्रबंधन में हो रहा है।
• सुरक्षा और यातायात प्रबंधन में ड्रोन निगरानी और नियंत्रण का अहम जरिया बन रहा है।
• मनोरंजन उद्योग में भी ड्रोन वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी के लिए अत्यधिक उपयोग किए जा रहे हैं।
• डिफेंस और लॉजिस्टिक्स में ड्रोन से निगरानी और डिलीवरी सेवाओं को बढ़ावा मिल रहा है।