
महराजगंज। जिला अस्पताल और महिला अस्पताल में भर्ती मरीजों को बहुत जल्द पाइप लाइन से लिक्विड ऑक्सीजन मिलना शुरू हो जाएगा। इसके लिए लिक्विड ऑक्सीज प्लांट से पाइप लगाने का कार्य पूरा कर लिया गया है। सब कुछ ठीक रहा तो मार्च से प्लांट से लिक्विड ऑक्सीजन की सप्लाई शुरू हो जाएगी। इससे दोनों अस्पतालों में सिलेंडर की जरूरत नहीं पड़ेगी।
100 बेड वाले जिला अस्पताल और 100 बेड वाले जिला महिला अस्पताल में हर रोज एक हजार से अधिक मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। मरीजों की भीड़ के चलते अस्पताल हमेशा फुल रहता है। बीमारी से गंभीर मासूम और नवजात पीड़ितों के लिए आईसीयू और एसएनसीयू के अलावा महिला अस्पताल में लेबर रूम से लेकर गाइनी ओटी और पीएनसी में बेड पर ऑक्सीजन देने के लिए पाइप लाइन लगी हैं। अभी तक हवा से ऑक्सीजन बनाने वाले प्लांट से इन पाइप लाइन के माध्यम से मरीजों को ऑक्सीजन देने की सुविधा है। अन्य मरीजों को ऑक्सीजन देने के लिए सिलेंडर की जरूरत पड़ रही है।
अस्पताल प्रशासन को ऑक्सीजन सिलेंडर गोरखपुर की गीडा से खरीददारी करनी पड़ती है। इस समस्या से निजात दिलाने के लिए शासन ने अस्पताल परिसर में दस हजार किलोलीटर की क्षमता वाला लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट लगाने का आदेश दिया है। इसके लिए धन जारी करने के साथ ही कार्यदायी संस्था नामित कर दिया। कार्यदायी संस्था ने लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट निर्माण कार्य पूरा करने के साथ ही प्लांट से दोनों अस्पताल के वार्डों में पाइप लाइन लगा दिया है।
टैंकर से ऑक्सीजन प्लांट की लगी टैंकी में लिक्विड ऑक्सीजन रिफील होगी। इसके साथ ही प्लांट से पाइप लाइन में ऑक्सीजन सप्लाई शुरू हो जाएगी। इससे अस्पताल में भर्ती मरीजों को सिलेंडर की जगह उनके बेड पर ही पाइप लाइन के माध्यम से लिक्विड ऑक्सीजन मिलेगा।
जिला अस्पताल परिसर में 360-360 लीटर प्रति मिनट (एलपीएम) क्षमता के दो और 500 एलपीएम की एक ऑक्सीजन प्लांट संचालित है। इन तीनों ऑक्सीजन प्लांट को हर दिन दो घंटे चलाकर प्रेशर मेंटेन किया जाता है। हवा से ऑक्सीजन बनाने वाले इन प्लांट से पाइप लाइन से वार्डों में सप्लाई होती है। लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट शुरू जाने के बाद अस्पताल प्रशासन को गोरखपुर से सिलेंडर मंगाने से निजात मिल जाएगी।
कार्यदायी संस्था ने लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट लगाने के साथ ही दोनों अस्पतालों में पाइप लाइन लगा दिया है। मार्च में लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट शुरू होने की उम्मीद है।