महराजगंज। महराजगंज जनपद, जो नेपाल की सीमा से सटा हुआ है, अपने ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। इस क्षेत्र में कई ऐसे धार्मिक स्थल हैं, जिनकी मान्यताएं दूर-दूर तक फैली हुई हैं। इन्हीं में से एक निचलौल क्षेत्र के इटहिया गांव में स्थित 500 साल पुराना काली माता मंदिर है। यह मंदिर अपनी ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता के कारण श्रद्धालुओं के बीच गहरी आस्था का केंद्र बना हुआ है।
आस्था का प्रतीक है यह प्राचीन मंदिर
इटहिया स्थित यह काली माता मंदिर अपने भव्य स्वरूप और प्राचीनता के लिए जाना जाता है। यह मंदिर मिनी बाबा धाम के नाम से प्रसिद्ध शिव मंदिर के पास स्थित है। स्थानीय लोगों की मान्यता है कि यह मंदिर 500 वर्षों से भी अधिक पुराना है और यहां देवी की पूजा-अर्चना करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। मंदिर के पुजारी के अनुसार, यह स्थान धार्मिक आस्था का प्रमुख केंद्र है, लेकिन इसके प्रचार-प्रसार में अभी तक अपेक्षित ध्यान नहीं दिया गया है। बावजूद इसके, श्रद्धालुओं की भीड़ यहां नियमित रूप से जुटती है।
आते हैं नेपाल से भी श्रद्धालु
मंदिर की विशेषता केवल उसकी प्राचीनता तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सीमावर्ती क्षेत्र में स्थित होने के कारण नेपाल के श्रद्धालुओं के लिए भी आस्था का प्रमुख केंद्र है। यहां न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि नेपाल से भी भक्त पूजा-अर्चना करने आते हैं। मंदिर का वातावरण बेहद शांत और आध्यात्मिकता से भरपूर है, जिससे यहां आने वाले भक्तों को मानसिक शांति का अनुभव होता है। समय-समय पर यहां धार्मिक अनुष्ठान और उत्सव आयोजित किए जाते हैं, जिनमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु भाग लेते हैं।