सड़क कम गड्ढे अधिक, गाड़ी छोड़ो पैदल चलना मुश्किल

महराजगंज। गत वर्ष की बाढ़ में क्षतिग्रस्त महराजगंज तराई क्षेत्र की सड़कों व पुलियों की मरम्मत नहीं कराई गई थीं। राहगीर वर्ष भर कठिनाइयों का सामना करते रहे। तमाम प्रार्थना-पत्र देने के बावजूद सड़कों व पुलियों की मरम्मत नहीं हुई। इस वर्ष तराई क्षेत्र में दर्जनों गांव के प्रमुख संपर्क मार्ग व पुलिया बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। सड़कों के साथ-साथ नव निर्मित पुलियों का अप्रोच भी ध्वस्त हो गया है।

गत वर्ष तराई क्षेत्र में नालों की बाढ़ से दर्जन भर सम्पर्क मार्ग टूटकर ध्वस्त हो गए थे। साथ ही पुलियों के सम्पर्क मार्ग भी पानी में बह गए थे। बाढ़ के बाद पुलियों के सम्पर्क मार्ग पर मिट्टी पाटकर आवागमन बहाल किया गया था। जो दूसरी बार आई बाढ़ में सम्पर्क मार्ग भी बह गया। जिसकी मरम्मत जिम्मेदार अधिकारियों ने आज तक नहीं कराई। लोग वर्ष भर जर्जर सड़कों का दंश झेलते रहे। लहेरी से विजयीडीह जाने वाली सड़क का खस्ताहाल है। इस मार्ग पर आवागमन करना खतरे से खाली नहीं है।

सड़क कम गड्ढे अधिक हैं। बेला से बल्देवनगर जाने वाली सड़क पहाड़ी नाले के बाढ़ पानी में कटकर बह गई थी, जिसे आज तक दुरुस्त नहीं किया जा सका। गुलरिहा हिसामपुर से सिंगाही जाने वाली सड़क बदहाल है। सड़क पर पैदल चलना भी मुश्किल हो रहा है। लहेरी से विजयीडीह जाने वाली सड़क जर्जर हो चुकी है।

बरदहवा से बनघुसरा जाने वाली सड़क का हाल बेहाल है। बहादुरापुर से पचपकड़ी जाने वाली सड़क की गिट्टियां उखड़ कर बिखरी पड़ी है, जिस पर राह चलना आसान नहीं रह गया है। वहीं परसिया से बदलपुर जाने वाली सड़क खस्ताहाल है। ग्रामीणों ने बताया कि मार्ग कट जाने से वाहनों का आवागमन तो दूर पैदल निकलना मुश्किल हो गया है। ग्रामीणों को महाराजगंज कस्बा पहुंचने के लिए लम्बी दूरी का चक्कर लगाना पड़ रहा है। सबसे अधिक परेशानी गर्भवती महिलाओं व गंभीर मरीजों को होती है।