महराजगंज। यूपी बोर्ड परीक्षा को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के बाद अब 19 मार्च से उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का कार्य शुरू होगा। इसके लिए जिले में तीन मूल्यांकन केंद्र बनाए गए हैं, जहां चार लाख से अधिक उत्तर पुस्तिकाओं की जांच होगी। पूरी प्रक्रिया सीसीटीवी की निगरानी में संचालित की जाएगी, ताकि पारदर्शिता बनी रहे और मूल्यांकन सुचारू रूप से संपन्न हो सके।
इसके लिए विभिन्न पद सृजित किए गए हैं। मुख्य नियंत्रक की जिम्मेदारी डीआईओएस प्रदीप कुमार शर्मा खुद संभालेंगे। 111 प्रधान परीक्षक, 222 उप प्रधान विषय परीक्षक, 333 उप प्रधान परीक्षक, उप प्रधान जांच अधिकारी सहित कुल 1900 शिक्षकों को मूल्यांकन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। सभी का प्रशिक्षण 18 मार्च को जिला मुख्यालय पर होगा।
बीते वर्ष तक बोर्ड परीक्षा की कॉपी जांचने के लिए शिक्षकों में होड़ रहती थी। ऐसे में कॉपी गलत जांचने की भी संभावना रहती थी। इस बार नियमों में बदलाव किया गया है। परीक्षकों को हाईस्कूल की 50 तथा इंटर की 45 कॉपियां ही दी जाएंगी। जिले के तीन केंद्रों पर सुबह आठ से शाम चार बजे तक मूल्यांकन होगा। तैयारियों को अंतिम रूप देने में विभाग जुटा है। मूल्यांकन 19 मार्च से 2 अप्रैल तक चलेगा।
प्रत्येक परीक्षक को मूल्यांकन पूर्ण करने के बाद एक प्रारूप भरना होगा, जिसमें वह बताएंगे कि कितनी उत्तर पुस्तिका उन्होंने जांची। न्यूनतम व अधिकतम कितना अंक दिया। अगर एक ही प्रश्न के कई जवाब दिए गए हों तो पहला जवाब सही मानते हुए जांच करेंगे। परीक्षक जेल पेन या स्टेज से मूल्यांकन नहीं करेंगे। जांच के पहले उन्हें विभाग की तरफ से ही लाल पेन दी जाएगी। आखिरी पृष्ठ पर गोले में पूर्णांक व प्राप्तांक दिखाना होगा। उत्तर पुस्तिका के पहले पन्ने पर बने कालम में भी नंबर दर्ज करना होगा।