महराजगंज। जिले में महिलाओं को कम ब्याज पर कर्ज दिलाने का लालच देकर दलाल उन्हें कर्ज के दलदल में धकेल रहे हैं। महज 1% कमीशन के लालच में माइक्रो फाइनेंस कंपनियों और अन्य ऋण संस्थानों से जरूरतमंद महिलाओं को लोन दिलाया जाता है, लेकिन भारी ब्याज दर के कारण यह कर्ज उनके लिए मुसीबत बन जाता है।
पनियरा क्षेत्र के बैदा और देवीपुर गांव में ऐसी कई महिलाएं हैं, जो इस जाल में फंस चुकी हैं। दलाल पहले उनकी जरूरतों और मजबूरी को समझते हैं, फिर आसान लोन दिलाने के नाम पर उन्हें अपने जाल में फंसा लेते हैं। शुरुआत में 30,000 से 50,000 रुपये तक का लोन दिया जाता है, लेकिन 22-25% की ऊंची ब्याज दर के कारण धीरे-धीरे कर्ज का बोझ बढ़ता जाता है।
महिलाएं समय पर किस्तें नहीं भर पातीं, तो एजेंट और दलाल वसूली के लिए लगातार दबाव बनाते हैं। कई महिलाएं ब्याज चुकाने के लिए घर के जेवर और सामान तक बेचने को मजबूर हो जाती हैं। कुछ महिलाएं दैनिक उत्पीड़न से बचने के लिए घर से बाहर रहने को मजबूर हैं।
स्थानीय लोगों के अनुसार, गांवों में सक्रिय दलाल पहले यह पता लगाते हैं कि कौन आर्थिक तंगी में है, फिर उसे कर्ज दिलाने के नाम पर फंसा देते हैं। ऐसे में महिलाओं को जागरूक करने और इस अवैध कर्ज जाल से बचाने की जरूरत है।