महराजगंज। समूह से लिया गया कर्ज़ अब महिलाओं के लिए भारी पड़ रहा है। कर्ज़ न चुका पाने की स्थिति में वसूली एजेंट उनके घर पहुंचकर धमकियां दे रहे हैं। कई महिलाएं मानसिक तनाव में हैं, क्योंकि कर्ज़ चुकाने का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। हाल ही में एक महिला, जिसकी बेटी की शादी मार्च में थी, को एजेंट ने उसके ही घर में रिश्तेदारों के सामने अपमानित कर दिया। मजबूरी में उसने उधार लेकर किस्त चुकाई।
इस समस्या को समझने के लिए परतावल क्षेत्र के पकड़ी दीक्षित गांव जाना पड़ा, जहां समूह की लीडर शीला से बातचीत हुई। उन्होंने बताया कि 7 मार्च को उनकी बेटी की शादी थी, लेकिन एजेंट रोज़ाना घर आकर दबाव बना रहे थे। रिश्तेदारों के सामने तगादा किया जाता था, जिससे परिवार को शर्मिंदगी उठानी पड़ी। शादी की तैयारियों और लगातार बढ़ते दबाव के कारण वह अत्यधिक तनाव में थीं।
शीला के अनुसार, उनके पति एक साल पहले एक गंभीर दुर्घटना का शिकार हो गए थे, जिसका इलाज कराने में उनकी जमा पूंजी खत्म हो गई। पति अभी भी बिस्तर पर हैं, और आर्थिक हालात बदतर हो चुके हैं। ज़मीन तक बेचनी पड़ी, लेकिन इसके बावजूद वसूली एजेंटों का दबाव खत्म नहीं हुआ।
धर्मपुर गांव की किरन मिश्रा भी इसी परेशानी से जूझ रही हैं। उन्होंने सिलाई-कढ़ाई के लिए माइक्रोफाइनेंस लोन लिया था, जो करीब 6 लाख रुपये तक पहुंच गया। जब तक उनका केंद्र ठीक से चल रहा था, तब तक कोई समस्या नहीं थी, लेकिन छोटी बेटी की गंभीर बीमारी के चलते अधिक खर्च हो गया। अब व्यवसाय भी बंदी के कगार पर है और पति बेरोजगार हैं। इसी बीच उन्होंने अपनी बेटी की शादी के लिए गहने बेचकर और साहूकारों से कर्ज़ लेकर इंतजाम किया, लेकिन अब फाइनेंस एजेंटों का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है।