महराजगंज। होलिका दहन में पर्यावरण संरक्षण के मद्देनजर मुख्य विकास अधिकारी ने सभी खंड विकास अधिकारियों को पत्र जारी किया है। पत्र के माध्यम से गोशाला में उपलों का निर्माण कार्य समूह की महिलाओं से कराते हुए आय सृजन के लिए आदेश जारी किया है।
जनपद के समस्त बीडीओ के लिए जारी निर्देश पत्र में कहा गया है कि होली में होलिका दहन की पुरातन परंपरा है। इसमें लकड़ी बड़ी मात्रा में जलाई जाती है, लेकिन इससे पर्यावरण और वृक्षों को नुकसान पहुंचता है। ऐसे में लकड़ी के स्थान पर होलिका दहन में उपलों का प्रयोग करने के लिए होलिका दहन समितियों को तैयार किया जाए। जनपद के 882 ग्राम पंचायतों में 1000 से अधिक स्थानों पर होलिका दहन होता है।
इसलिए खंड विकास अधिकारी अपने यहां की आजीविका समूह की महिलाओं से गोशाला में उपलों का निर्माण कराते हुए समितियों को बिक्री कराएं। यह आय सृजन के लिए एक वैकल्पिक व्यवस्था बन सकती है साथ ही पर्यावरण पर प्रभाव भी नहीं पड़ेगा। सभी विकास खंडों में बेसहारा पशुओं के लिए अस्थायी गोशाला बनी हुई है जहां से पर्याप्त गोबर उपयोग में लाया जा सकता है।