Maharajganj News : बिजली की दिक्कत ख़त्म होने की ओर, तीन नए उपकेंद्रों से डेढ़ लाख लोगों को रोशनी की राहत

    15-Oct-2025
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महराजगंज। शहर से सटे खेम पिपरा, बॉर्डर के करीब चकदह गांव और बहादुरी बाजार में बिजली उपकेंद्र बनाया जाएगा। इन परियोजना के लिए 27 करोड़ रुपये का डीपीआर तैयार किया गया है। जल्द ही इसे स्वीकृति के लिए शासन को भेजा जाएगा। बिजली उपकेंद्र के निर्माण से क्षेत्र के करीब डेढ़ लाख आबादी को निर्बाध बिजली आपूर्ति मिल सकेगी।

जानकारी के अनुसार, जिले में वर्तमान में 30 बिजली उपकेंद्र और 123 फीडरों के माध्यम से 3,47,544 उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति की जा रही है। इन उपकेंद्रों में जरिए जिले की 882 ग्राम पंचायतों में बिजली आपूर्ति की जाती है। लेकिन गर्मियों के मौसम में बिजली की मांग बढ़ने के कारण उपभोक्ताओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

ओवरलोडिंग, ट्रिपिंग और बिजली कटौती जैसी दिक्कतें ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में आम हैं। कई बार अत्यधिक खपत के कारण बिजली आपूर्ति घंटों तक बाधित रहती है, इससे उपभोक्ताओं को काफी परेशानी होती है। इन समस्याओं को देखते हुए बिजली निगम ने नए उपकेंद्रों के निर्माण की योजना बनाई है, ताकि क्षेत्र में बिजली की उपलब्धता और गुणवत्ता में सुधार हो सके।

बिजली निगम के अधिकारियों के अनुसार, बहादुरी बाजार, खेम पिपरा और चकदह में बनने वाले नए बिजली उपकेंद्र में पांच-पांच एमवीए क्षमता के ट्रांसफार्मर स्थापित किए जाएंगे। इन उपकेंद्रों के निर्माण से न केवल बिजली आपूर्ति में स्थिरता आएगी, बल्कि क्षेत्र में बिजली की मांग को पूरा करने में भी मदद मिलेगी। डीपीआर को अंतिम रूप दे दिया गया है और इसे जल्द ही शासन की स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा।


स्वीकृति मिलने के बाद इन उपकेंद्रों का निर्माण कार्य शुरू होगा। चकदह में बनने वाला बिजली उपकेंद्र भारत-नेपाल सीमा के नजदीक होने के कारण यह क्षेत्र के लिए विशेष महत्व रखता है। यह उपकेंद्र नौतनवा तहसील के कई गांवों को लाभ पहुंचाएगा, जिनमें सोनपिपरी, भगवानपुर, जमुहानी, सूर्यपुरा, गंगवालिया, पिपरवास, करौता, जिगिना, महरी, लुठहवा, खोरिया बाजार और सिरसिया खास शामिल हैं।

इन गांवों में अक्सर बिजली कटौती और आपूर्ति में व्यवधान की समस्या रहती है। बबलू गुप्ता ने बताया कि तीन सब स्टेशनों के निर्माण होने के बाद निर्बाध और स्थिर बिजली आपूर्ति का लाभ मिलेगा। इससे न केवल बिजली की उपलब्धता सुलभ होगी, बल्कि गर्मियों में होने वाली बिजली कटौती, ओवरलोडिंग और ट्रिपिंग जैसी समस्याओं से भी निजात मिलेगी।