महराजगंज। मानसून की विदाई के बाद चार दिन से पछुआ की रफ्तार ने गुलाबी ठंड के साथ जोड़ों व हड्डियों का दर्द बढ़ाने का कार्य किया है। मंगलवार को ओपीडी में 23 रोगी ऐसे पहुंचे जिनकी आयु 40 वर्ष से कम थी, और वह जोड़ों व हड्डियों के दर्द से परेशान थे।
जांच रिपोर्ट देखकर चिकित्सकों ने जीवनशैली में सुधार लाने के साथ दवाओं का परामर्श दिया है। मंगलवार जिला अस्पताल की ओपीडी में 867 रोगियों का उपचार हुआ। सर्वाधिक रोगी वायरल के विभिन्न लक्षणों से पीड़ित पाए गए। 23 ऐसे भी थे जिन्हें पिछले दो दिन से कमर व घुटने का दर्द परेशान कर रहा।
जांच रिपोर्ट के मुताबिक हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. विकास कुमार ने इसे अर्थराइटिस का लक्षण बताया और इसके लिए खराब दिनचर्या का कारण बताते हुए खानपान व दवा का परामर्श दिया। बताया कि बदलती जीवनशैली के साथ असंतुलित खानपान आर्थराइटिस का कारण बनता जा रहा जो सिर्फ उम्र दराजों में ही नहीं, कम आयु के लोगों में भी प्रभावी हो रहा।
30-40 वर्ष की उम्र में ही जोड़ों के दर्द से पीड़ित मरीजों की संख्या 2 दिन से बढ़ रही है। बताया कि वजन वृद्धि, शारीरिक निष्क्रियता, व्यायाम से दूरी इसके मुख्य कारण हैं। अधिक वजन जोड़ों पर दबाव डालता है जो हल्की ठंड में सूजन व दर्द देता है। इसलिए खानपान में पौष्टिकता के साथ डेयरी खाद्य भी शामिल करें।
व्यायाम के लिए समय जरूर निर्धारित रखें। इन उपायों से बिना दवा प्रयुक्त किए ही निरोग रह सकते हैं। इसलिए पहले खानपान में बदलाव व योग का सहारा लेना चाहिए। जब लाभ न मिले तभी उपचार प्रभावी करें।