महराजगंज। मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) में अब फर्जी हाजिरी और हेराफेरी पर पूरी तरह से अंकुश लगाने की तैयारी है। शासन ने मनरेगा श्रमिकों की उपस्थिति दर्ज करने की नई व्यवस्था लागू की है। अब मजदूरों की हाजिरी आधार फेस रीडिंग के माध्यम से लगेगी।
नेशनल मोबाइल मॉनीटरिंग सिस्टम एप्प लांच लांच किया है। इस एप के जरिए कार्यस्थल पर उपस्थित श्रमिक की रियल टाइम फोटो खींचकर सिस्टम पर अपलोड की जाएगी, जिससे उसकी उपस्थिति का प्रमाण स्वतः तैयार हो जाएगा। मनरेगा के तहत प्रत्येक पंजीकृत श्रमिक को साल में 100 दिन का रोजगार देने का प्रावधान है। जिले में वर्तमान समय में 2 लाख 86 हजार 857 एक्टिव जॉब कार्ड धारक हैं।
शासन ने निर्देश दिए हैं कि सभी जॉबकार्ड धारकों की ई-केवाईसी ई-केवाईसी अनिवार्य रूप से कराई जाए। जिन श्रमिकों की ई-केवाईसी पूर्ण नहीं होगी, उनकी उपस्थिति दर्ज नहीं की जा सकेगी और उन्हें मजदूरी का भुगतान भी नहीं मिल पाएगा। अब तक मनरेगा के अंतर्गत कई ग्राम पंचायतों में फर्जी हाजिरी लगाने और मजदूरी निकालने के मामले सामने आते रहे हैं।
प्रधान और रोजगार सेवक मिलकर बिना कार्य किए ही हाजिरी चढ़ा देते थे। जांच के दौरान कई स्थानों पर ऐसे मामले पकड़े गए जहां बिना काम किए भुगतान कर दिया गया था। इन पर वसूली और कार्रवाई भी की गई। नई व्यवस्था लागू होने के बाद इस तरह के फर्जीवाड़े पर पूरी तरह से रोक लगने की उम्मीद है। क्योंकि श्रमिक की हाजिरी तभी लगेगी जब वह स्वयं कार्यस्थल पर मौजूद रहेगा और उसकी चेहरा पहचान प्रणाली के जरिए उपस्थिति दर्ज होगी। इसके साथ ही प्रत्येक श्रमिक का चेहरा प्रमाणीकरण सुनिश्चित किया जाएगा ताकि मजदूरी निकालने के समय भी वही व्यक्ति उपस्थित हो,जिसके नाम से जॉब कार्ड जारी हुआ है।
शासन की ओर से लागू की गई यह नई तकनीक पारदर्शिता बढ़ाने की दिशा में एक बेहतर कदम है। उन्होंने कहा कि फेस रीडिंग व्यवस्था लागू होने से अब किसी भी स्तर पर फर्जी हाजिरी या भुगतान की संभावना समाप्त हो जाएगी। जो श्रमिक वास्तव में कार्य करेगा, वही मजदूरी का हकदार होगा।