महराजगंज। लर्निंग लाइसेंस जारी होने के बाद छह माह तक वैद्य होता है, बावजूद युवाओं में स्थायी लाइसेंस के लिए इतनी बेसब्री है कि लर्निंग लाइसेंस जारी होने के अगले माह ही लर्निंग लाइसेंस धारक स्थाई के लिए आवेदन कर रहे।
इस बेसब्री का खामियाजा सभी डीएल आवेदकों को भुगतान पड़ रहा। क्योंकि एक साथ डीएल आवेदन अधिक संख्या में पहुंचते जिससे टेस्ट स्लाट बुक करने में रिक्त दिन के लिए इंतजार करना पड़ता है।
एआरटीओ कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक हर महीने लर्निंग आवेदन 700 के लगभग आते हैं। इस लाइसेंस की वैद्यता 6 माह की होती है, लेकिन स्थाई लाइसेंस के लिए आवेदन अगले माह से ही करने लगते हैं, जबकि छह माह की वैद्यता के कारण इस बीच कभी भी लर्निंग लाइसेंस धारक आवेदन के पात्र हैं।
इंतजार न करना पड़े इसलिए एक माह बीतते ही एक साथ अधिक संख्या में स्थाई लाइसेंस के आवेदन आनलाइन पहुंच जाते जिससे टेस्ट स्लाट की अनुपलब्धता की स्थिति बन जाती है जिसके कारण सप्ताह भर अथवा 15 दिन का इंतजार स्लाट खाली होने के लिए करना पड़ता है।
प्रति दिन 10 से 15 आवेदकों को टेस्ट स्लाट दिया जाता है। यह संख्या बढ़ाई नहीं जा सकती अन्यथा टेस्ट की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है। इससे बचने का सहज उपाय यही है कि लर्निंग लाइसेंस बनने के चौथे व पांचवें माह आवेदक स्थायी के लिए आवेदन अभ्यर्थी करें। इससे एक साथ अधिक संख्या नहीं होने पाएगी और सहजता से कार्य भी पूरे होंगे।