पनियरा। स्थानीय ब्लॉक परिसर में शुक्रवार को कोर्ट के आदेश पर सरकारी भवनों के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू होते ही हड़कंप मच गया। मामला वर्ष 1987 से दीवानी न्यायालय गोरखपुर में विचाराधीन था। अदालत ने 30 जनवरी 1991 को फैसला देते हुए अवैध कब्जा हटाने का आदेश दिया था।
कोर्ट के आदेश पर शुक्रवार को पनियरा ब्लॉक परिसर में स्थित सरकारी भवनों पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू होते ही अफरा-तफरी मच गई। फिलहाल ध्वस्तीकरण की कार्रवाई रोक दी गई है।
जेसीबी पहले दो सचिवों के आवास पर चली। उसके पहले आनन-फानन में कर्मचारी फाइलें और सरकारी कागजात समेट कर बाहर रखने लगे। मामला खंड विकास अधिकारी बनाम नरेंद्र सिंह व अन्य से जुड़ा है। विवादित भूमि करीब एक एकड़ (आराजी संख्या 788-ख, क्षेत्रफल 66 डिसमिल और 789-क, क्षेत्रफल 34 डिसमिल) की है। अदालती आदेश के अनुपालन में सिविल जज जूनियर डिवीजन न्यायालय में निष्पादन वाद दाखिल किया गया था।