Maharajganj News : हवा में ज़हर, पेड़ों पर असर! समय से पहले आ सकता है पतझड़, वैज्ञानिकों की चेतावनी

22 Dec 2025 10:48:52

महराजगंज। लगातार प्रदूषित हो वातावरण का असर सिर्फ लोगों तक ही नहीं है, बल्कि इसका प्रभाव प्रकृति की सुंदरता बढ़ाने वाले पेड़-पौधों पर भी पड़ रहा है। वृक्ष की पत्तियां कहीं पीली तो कहीं काली पड़ रही हैं।

मौसम विज्ञानिकों के मुताबिक, हवा में मौजूद स्मॉग पत्तियों की कोशिकाओं को क्षतिग्रस्त कर रहे जिससे यह बीमार दिख रही हैं। यदि स्थिति लंबे वक्त तक बनी रही तो इसका सीधा असर प्रकृति पर पड़ेगा जिसके कारण इस बार पतझड़ समय से पहले दस्तक देगा।

आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक, तराई के जिलों में हवा की खराब स्थिति स्मॉग में ओजोन, नाइट्रोजन ऑक्साइड और सल्फर डाई ऑक्साइड और डस्ट पार्टिकल्स (कण) का मिश्रण मिला है। यह पत्तियों में मौजूद छोटे-छोटे छिद्रों, जिन्हें स्टोमेटा कहते हैं, के माध्यम से प्रवेश कर पत्तियों की कोशिकाओं को क्षतिग्रस्त कर देता है।

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पत्तियों का हरा रंग (क्लोरोफिल) नष्ट होने लगता है और वह पीली पड़ने लगती हैं। पत्तियों के ऊपरी हिस्से पर छोटे, गहरे या हल्के रंग के धब्बे बन जाते हैं। पत्ती के ऊतक मर जाते हैं। भूरे या काले रंग के धब्बे दिखाई देते हैं। पत्तियां प्रभावी ढंग से प्रकाश संश्लेषण नहीं कर पातीं, जिससे पौधे को भोजन बनाने में कठिनाई होती है और उसकी वृद्धि रुक जाती है।

वृक्षों की सेहत का पतझड़ से संबंध- डायट में जीव विज्ञान प्रवक्ता संजय कुमार ने बताया पतझड़ का संबंध पेड़ की सेहत से माना जाता है। पतझड़ होने पर पेड़ की सेहत पर कोई असर नहीं होता लेकिन असमय पतझड़ नुकसान दायक है। कोहरा छाए रहने व धूप न निकलने की स्थिति में पत्तियां बीमार पड़कर गिरने लगती हैं। यह प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया के रुकने से होती है।

कोहरे में प्रदूषक पार्टिकल समाहित हैं। हवा व कोहरे में वृद्धि के कारण प्रदूषकों का असर पेड़ पौधों की पत्तियों पर होता है जिससे पत्तियां बीमार होकर समय से पहले गिर सकती हैं। अगर बारिश हो जाती है तो स्थिति ठीक हो जाएगी अन्यथा पतझड़ इस बार पतझड़ समय पूर्व आने की संभावना है।


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